बलरामपुर अस्पताल में वेटिंलेटर एक्सपर्ट की कमी है। इसलिए मुश्किल की इस घड़ी में डॉक्टरों को एक घंटे की ट्रेनिंग देकर वेंटिलेटर पर उपचार की बारीकियां बताई जा रही हैं। ये डॉक्टर कोरोना के अति गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख उनका इलाज करेंगे। अभी तक एक्सपर्ट न होने से कोई भी मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती नहीं किया जाता था।
बलरामपुर अस्पताल में कोरोना संक्रमित 13 मरीज भर्ती हैं। इनमें कई की उम्र 50 वर्ष से अधिक है। डॉक्टरों का कहना है कि 50 से अधिक उम्र के मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। अस्पताल में चार वेंटिलेटर लगे हैं। इसमें दो आईसीयू व दो वार्ड में लगे हैं। कोरोना मरीजों के लिए अभी दो वेंटिलेटर रिजर्व किए गए है।
अस्पताल में वेंटिलेटर एक्सपर्ट डॉक्टर व स्टाफ न होने के कारण दूसरे डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। बलरामपुर अस्पताल में सिर्फ तीन डॉक्टरों ने केजीएमयू से वेंटिलेटर संचालन का एक माह का प्रशिक्षण लिया है। अब यही डॉक्टर दूसरे डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने में लगे हैं।
कोविड-1 अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं
बीकेटी में बने कोविड-1 अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं लगा है। यहां कोई वेंटिलेटर एक्सपर्ट डॉक्टर भी नहीं है। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि यहां पर भर्ती कोरोना मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे कोविड-2 अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।