कोरोना वायरस ने प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष का अरबों रुपये का बजट लैप्स कर दिया है। यह बजट सड़कों और भवनों की मेंटेनेंस और कई अन्य योजनाओं का लैप्स हुआ है। विभिन्न विभागों की ओर से बजट खर्च नहीं किए जाने के कारण सरकार के वित्त विभाग ने फैसला लिया है कि ऐसे विभाग 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्तीय वर्ष में भी ऐसे कार्यों के लिए बजट क्लेम कर सकेंगे, जिन्हें बजट लैप्स होने के कारण अधूरा छोड़ दिया गया है। इसके लिए सरकार अगले वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त बजट का प्रावधान करेगी।
प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों और मंडलायुक्तों को आदेश दिए हैं कि अगर कोविड-19 की वजह से वे इस वित्तीय वर्ष का बजट खर्च नहीं कर पाए हैं तो इसे अगले वित्तीय वर्ष में जारी किया जाएगा। इसके लिए ऐसे विभाग वित्त महकमे को अपने अनुमान भेजें। यह अप्रैल में ही भेजे जाएं।
जारी आदेशों के अनुसार विभागों का कार्य किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हो। इसी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। विभागों की ओर से वित्त विभाग से स्पष्टीकरण मांगा गया था कि जिन मदों में कोरोना वायरस के चलते बजट खर्च नहीं हो पा रहा है, उसे लैप्स होने की स्थिति आ गई है। ऐसी स्थिति में क्या किया जाए। सरकारी स्तर पर विचार-विमर्श के बाद वित्त विभाग ने यह फैसला लिया है कि ऐसे कार्य के लिए अगले वित्त वर्ष में बजट का प्रावधान होगा, जिनमें इस तरह की दिक्कत रही हो।
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार इस तरह से अरबों का बजट लैप्स होने जा रहा है। इनमें कई सड़कों की मरम्मत का बजट है तो कई भवनों का भी निर्माण अधर में लटका है। इसी तरह से कई अन्य योजनाएं बीच में फंस गई हैं। यह पैसा लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति, शिक्षा और स्वास्थ्य समेत कई महत्वपूर्ण विभागों का लैप्स हो रहा है।